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Sainthwar Malla Rajputs || Sainthwar Mall Thakurs

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  क्षत्रिय सैंथवार शब्द मूलतः ‘संथगार’ से बना हैं , जो एक   प्राचीन क्षत्रिय संघ   था। ये लोग मूलत: खेतिहर   जमींदार   वर्ग से संबंधित है। यह सिंह ,मल्ल, राय, राव आदि पदनाम का प्रयोग करते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्हें   बाबू साहेब   के नाम से जाना जाता हैं। सैंथवार क्षत्रिय संघ था जिसमे बहुत से क्षत्रिय जाति थी किताब गोरखपुर जनपद और उसकी क्षत्रिय राजपूत जातियों का इतिहास का माध्यम से ये जानकारी ली गई है और आपको कूशीनगर में जीता जागता बिराशत और  कुलदेवी   के मूर्ति और खूबसूरत जगह है ।। एक की  राजधानी कुशीनारा  थी जो वर्तमान कुशीनगर है तथा दूसरे की राजधानी पावा थी जो वर्तमान फाजिलनगर है। और पहले ये जनपद के रूप में जाने जाते थे मल्ल महाजनपद और यहां पर क्षत्रिय मल्लों का शासन था। मल्ल का अर्थ कुश्ती लड़ना और सैंथवार का संस्कृत में अर्थ सहस्त्र-वार जिसका अर्थ हुआ एक साथ रहकर लड़ने वाले व्यक्ति और दोनों को मिला कर क्षत्रिय सैंथवार- मल्ल राजपूत नाम बना है ।। मल्ल प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। इसका उल्लेख अंगुत्तर निकाय म...